आ गया हूँ मैं खुदावंद , सुन ले मेरी यह दुआ
धो लहू से भर दे रूह से पाक मुझको और बना
सिरजनहार है तू पर्वंदिगार है तू
शाहों का शहेनशाह है
सबका है सब कुछ है तू
आसमान के तले और ना कोई मिले
आसमान के तले और ना कोई मिले
सारी दुनिया को ले जो बचा
कैसी मोहब्बत तूने ये की है
पदवी फरजंदगी की मुझको दी है
फ़ज़ल अब ऐसा कर नज़र हो तुझी पर
खुवाह हो नुक्सां या हो नफा
दुखों बीमारी मैंने मुश्किल भी सारी मैंने
लादी तुझी पर और आज़ाद हुआ
अब तो मुझको लो खुवाह क्यों ना कुछ भी हो
रहूं मैं तेरा ही शुक्रगुजार
दुश्मन शैतान है , करता हैरान है
लेकिन फज़ल तेरा मेरा सहबान है
जलते तीर उसके बारिश की मानिंद बरसे
जलते तीर उसके बारिश की मानिंद बरसे
मुझको न कर सकें तुझसे जुदा