रूह – ए – पाक खुदावंदा तू आ,
जान जिस्म और रूह मे तू बस जा,
आ ….. आ ….. रूह आ …..
रूह के शोले लपक लपक जब आते हैं ,
बंधन सारे टूट के गिरते जाते हैं
आ ….. आ ….. रूह आ …..
बारिश होगी रूह – ए – पाक के बादल से,
धुल जायेंगे मैले मन भी अंदर से
आ ….. आ ….. रूह आ …..
रूह की सूरत में यीशु जब आयेगा
तहस नहस होगा शैतान हिल जायेगा
आ ….. आ ….. रूह आ …..