अपनों को तो इस दुनिया में, सब प्यार करते हैं
ग़ैरों को भी प्यार करना, मसीहा सिखाते हैं।
1.एक गाल पर जो मारे चाँटा
दूसरा गाल भी देना
ले जाए तुमको एक मील जबरन,
दो मील तुम साथ देना
अपनों को तो अपना सभी कुछ
सब लोग देते हैं
गैरों को भी सब कुछ देना
मसीहा सिखाते हैं ।
2. जो दे तुमको काँटे उसका,
दामन फूलों से भर दो
यीशु ने तुमको माफ़ किया
तुम सबको माफ़ कर दो
अपनों को तो गुनाहों की माफ़ी
सब लोग देते हैं
ग़ैरों को भी माफ़ करना
मसीहा सिखाते हैं ।
मसीहा सिखाते हैं , मसीहा सिखाते हैं
अहद निभाना , ख़ुद को मिटाना
मसीहा सिखाते हैं , मसीहा सिखाते हैं