शोले शोले शोले , रूह की आग के शोले
भेज खुदावंद ,जिंदा खुदावंद रूह की आग के शोले
कर खत्म तू गुस्सा और बदी
सब बदकारी और महकशी
भर अपनी उल्फत हम में तू
हम में नज़र आ तू ही तू
तू बक्श उसी को जिंदगी
खोले खोले खोले, दिल का देर जो खोले
लहू के चश्मों की धार से
और उन कोड़ों की मार से
हम पाते है अपनी शिफा
हो तेरी भी इसमें रजा
तू बक्शे उसी को जिंदगी
धोले धोले धोले , लहू से दामन धोले
सब लानत हमसे दूर की
बीमारियां सब काफूर की
ढाह डाली जो दीवार थी ,
जो बाप और हम में दरार थी
जोड़ा है उसको खून से
धोले धोले धोले , लहू से दामन धो ले