बिन तेरे हम हैं अधूरे ,बिन तेरे ना काम हों पूरे
करते हैं इकरार सभी ये कहते हैं
तुझी में है मुक्ति
तुझी में है तृप्ति
तुझी में है भक्ति ,ये जपते रहते हैं
शांति का तू राजकुमार है
मैं हूँ मिट्टी तू कुम्हार है
रहता है तू चार चुफेरे
दी रिहाई बन्धन तोड़े
करते है इकरार सभी ये कहते हैं
तुझी में है मुक्ति,………….3
तू ही तो जलाल आसमान का
शाहकार है तू पर वफा का
तोड़े शैतान के सब घेरे
आए जीवन में तू मेरे
करते हैं इकरार सभी ये कहते है
तुझी में है मुक्ति
तुझी में है तृप्ति
तुझी में है भक्ति ,ये जपते रहते हैं