Hamd-o-Sana YESHU Teri – हम्द-ओ-सना यीशु तेरी

हम्द-ओ-सना यीशु तेरी
हर पल करे जुबां मेरी
तालियां बजाके गाये मीठे सुरों में गाये
गाए येशु की मदह

तेरी सिताइश के नगमे हवाओं में
तेरी सिताईश के नगमे फिजाओं में

बारिश को कतरों में तकसीम करता, कैसा हुनर वर है वो
शाखों की झोली को फूलो से भरना, कैसा हुनर वर है वो
तेरी सिताइश हम पर वाजिब
करते रहेंगे सन्ना

आंखों में बुनाई जो है उतरे उसकी परस्तीश करे
बन दे के जिसको मुक्कदर सवारे ,उसकी परस्तिश करें
वो ही मरह से लायक हमेशा
हर पल ही उसकी मदह

मैं तेरी खिदमत करू मेरे यीशु ,मूजो के इरफान में
हर लफ्ज़ तेरी सिताईश के बोलूं, और का वो वरदान दे
मेरे लबों पे हर पल है नाजिश, मेरे मसीह की सन्ना